मिथुन संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की पूजा होती है। इस बार यह दिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यानी की आज 15 जून 2024 को मनाया जा रहा है। इस शुभ अवसर पर भगवान सूर्य की पूजा और उन्हें नियम अनुसार अर्घ्य देने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं। इसके साथ ही करियर में सफलता प्राप्त होती है।
मिथुन संक्रांति हिंदू धर्म में अत्यधिक धार्मिक महत्व रखती है। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा का विधान है। इस बार यह दिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यानी की आज 15 जून, 2024 को मनाया जा रहा है। इस शुभ अवसर (Mithun Sankranti 2024) पर भगवान सूर्य की पूजा और उन्हें नियम अनुसार अर्घ्य देने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
इसके साथ ही करियर में सफलता प्राप्त होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस तिथि पर भगवान सूर्य वृषभ राशि में अपनी यात्रा समाप्त कर मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं, जो कई मायनों में शुभ माना जा रहा है।
मिथुन संक्रांति पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
- इस दिन गंगा नदी में स्नान का भी विशेष महत्व है।
- भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और उनकी विधि अनुसार पूजा करें।
- इस दिन हवन, पाठ, वैदिक मंत्रों का जाप, दान-पुण्य करना अच्छा माना जाता है।
- इस दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना भी पुण्यदायी माना जाता है।
- ज्योतिष के अनुसार, इस दिन बुध आदित्य योग बन रहा है, जो कारोबार की शुरुआत के लिए अच्छा माना जा रहा है।
- इस दिन ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा करें।
- इस दिन तामसिक चीजों से दूर रहे हैं।
- इस दिन पिता का अपमान न करें।
भगवान सूर्य के मंत्र
- ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
मिथुन संक्रांति का महत्व
मिथुन संक्रांति का दिन बहुत शुभ माना जाता है। इस बार यह परिवर्तन काफी अच्छा माना जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार, मिथुन राशि का स्वामी बुध है और अब सूर्य बुध के घर में प्रवेश कर रहे हैं। बता दें, यह एक सुंदर योग बनाएगा, जिसे बुध आदित्य योग के रूप में जाना जाता है। ऐसे में इस मौके पर भगवान सूर्य के साथ गणेश भगवान की पूजा बहुत फलदायी होगी।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।