इस मंत्र के जाप से बन जाते हैं बिगड़े काम

वैज्ञाrishi-1447133647-300x214निकों के शोधों से यह बात साबित हो चुकी है कि ऊं के जाप से न केवल इंसान तनावमुक्त हो जाता है बल्कि मन भी शांत हो जाता है। पुराणों और उपनिषदों में भी ऊं की महत्ता बताई गई है।

कठोपनिषद् में महर्षि यम नचिकेता को बताते हैं कि ईश्वर के कई नामों में से ऊं या ओंकार ही सर्वोच्च और प्रतिष्ठित नाम है। उपनिषदों में ब्रह्मा कहते हैं कि ऊं के तीन अक्षर अ, ऊ और म ऋग्वेद्, यजुर्वेद् और सामवेद की ओर इंगित करते हैं।

 अर्थात यह बीजाक्षर तीनों वेदों का सार है। प्रश्नोपनिषद में महर्षि पिप्लाद ने कहा था कि ऊं क्लेशों की औषधि है। ऊं का अर्थ अनंत और श्रेष्ठ भी होता है। छांदोग्यउपनिषद् के प्रथम खंड में बताया गया है कि ऊं का उच्चारण करने वाला समृद्धिशाली बनता है।
जो ऊं का ध्यान या उच्चारण करते हैं, वे जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि किस प्रकार ऊं का ध्यान करने से शक्ति का विस्तार होता है। महर्षि याज्ञवल्क्य ने भी कहा है कि ऊं के ध्यान से कुवृत्तियां समाप्त हो जाती हैं।

 

क्या आपके मन में भी समाया है भय का भूत?
क्यों मनाया जाता है छठ पर्व, क्या है इसका वैज्ञानिक रहस्य?

Check Also

आषाढ़ अमावस्या पर करें ये एक काम, पितृ बरसाएंगे अपनी कृपा

आषाढ़ अमावस्या (Ashadha Amavasya 2025) पितरों को समर्पित है और हिंदू धर्म में इसका विशेष …