उत्तराखंड में स्थित एक तीर्थस्थल अपने प्राचीन इतिहास और भव्यता के साथ ही एक वैज्ञानिक रहस्य के कारण भी प्रसिद्ध है। यह अल्मोड़ा के निकट एक गांव में स्थित है। यहां मां भगवती कसार देवी के रूप में विराजमान हैं।मंदिर से जुड़े इतिहास के अनुसार, यह दूसरी शताब्दी में बनवाया गया था। 1960 के दशक में यह हिप्पियों की विचारधारा के कारण चर्चित रहा तो 1890 में यहां स्वामी विवेकानंद भी देवी के दर्शन के लिए आए थे। यहां आज भी देश-विदेश से अनेक श्रद्धालु आते हैं और मां के दर्शन कर उसकी शक्ति को महसूस करते हैं।
यह एक प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्र भी है। यहां लोग पर्वतारोहण के लिए आते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इस इलाके के भूगर्भ में शक्तिशाली चुंबकीय प्रभाव है। भूगर्भ विज्ञानी इसका अध्ययन कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, पूरे विश्व में ऐसा प्रभाव तीन स्थानों पर है- कसार देवी मंदिर, द. अमरीका का माचू पिच्चू तथा इंग्लैंड का स्टोन हेंग।
इन तीनों स्थानों पर प्रबल चुंबकीय प्रभाव है। कसार देवी का क्षेत्र ध्यान और तपस्या के लिए उपयुक्त माना जाता है। अध्यात्म के विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे क्षेत्रों में ध्यान-तपस्या शीघ्र फलदायी होते हैं।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।