शनिवार के दिन क्या करें और क्या नहीं? ध्यान रखें ये बातें

हिंदू धर्म में शनिवार का दिन न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि शनि देव कर्मों के आधार फल देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग शनि देव की पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में कभी परेशान नहीं होना पड़ता है। वहीं, शनिवार के दिन को लेकर कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन जरूर करना चाहिए, तो आइए यहां जानते हैं कि शनिवार के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं?

शनिवार को क्या करें?
शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे शनि की साढ़ेसाती और ढैया के कष्टों से राहत मिलती है।
इस दिन काले तिल, काला कपड़ा, उड़द की दाल या लोहे का दान करना चाहिए। दान हमेशा किसी जरूरतमंद को ही दें।
शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया था कि वे उनके भक्तों पर उनकी कभी दृष्टि नहीं पड़ेगी। ऐसे में शनिवार को हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। इससे शनि दोष का प्रभाव कम होता है।
शनि देव न्याय के देवता हैं और वे उन लोगों से खुश होते हैं, जो असहायों की मदद करते हैं। ऐसे में जरूरतमंद को भोजन कराएं।
अगर आपकी कुंडली में शनि शुभ स्थिति में हैं, तो ज्योतिषी की सलाह से मध्यमा उंगली में लोहे का छल्ला पहनें।

शनिवार को क्या न करें?
शनिवार को लोहा खरीदना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से शनि देव रुष्ट हो सकते हैं और घर में कलह बढ़ सकती है। हालांकि, इस दिन लोहा दान करना बहुत शुभ है।
इस दिन नमक और सरसों का तेल खरीदने से आर्थिक तंगी आती है।
शनिवार को नए जूते और कैंची खरीदने से भी बचना चाहिए। माना जाता है कि इससे रिश्तों में दरार आती है और कामों में बाधा उत्पन्न होती है।
शनिवार के दिन बाल और नाखून काटने की मनाही होती है।
शनि देव सात्विकता के प्रतीक हैं। ऐसे में शनिवार को तामसिक भोजन का सेवन करने से बचें।

पूजा मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः।।
ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात्।।
नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

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