पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi 2025) भगवान विष्णु को समर्पित है और संतान प्राप्ति के लिए मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु को उनके प्रिय भोग चढ़ाने से जीवन में सुख और शांति आती है, तो आइए श्री हरि के प्रिय भोग के बारे में जानते हैं।
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। पौष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ‘पौष पुत्रदा एकादशी’ कहा जाता है। इस साल यह पावन तिथि 30 दिसंबर को पड़ रही है। जैसा कि नाम से पता चल रहा है, यह व्रत संतान प्राप्ति की कामना के लिए किया जाता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु भाव के भूखे होते हैं, लेकिन उन्हें कुछ विशेष चीजें अर्पित करने से वे जल्द खुश होते हैं। आइए इस एकादशी (Paush Putrada Ekadashi 2025) पर श्री हरि को क्या भोग लगाना चाहिए जानते हैं?
श्री हरि के प्रिय भोग
पंचामृत
भगवान विष्णु के भोग में पंचामृत का होना बहुत जरूरी माना जाता है। ऐसे में उनके भोग में पंचामृत जरूर शामिल करें।
पीले फल और मिठाई
श्री हरि को पीले रंग की चीजें बहुत प्रिय है। ऐसे में उनके भोग में केले, केसरिया भात (मीठे चावल) चढ़ाएं। इसके अलावा, बेसन के लड्डू और केसर के हलवे का भी भोग लगा सकते हैं।
माखन और मिश्री
श्री हरि को उनके बाल गोपाल स्वरूप का ध्यान करते हुए माखन-मिश्री का भोग लगाएं। ऐसा करने से घर में खुशहाली आती है। साथ ही रिश्तों में मधुरता आती है।
तुलसी दल
भगवान विष्णु कोई भी भोग तब तक स्वीकार्य नहीं करते, जब तक उसमें तुलसी दल न हो। मान्यता है कि बिना तुलसी के श्री हरि भूखे ही रह जाते हैं। इसलिए उनके भोग में तुलसी दल जरूर शामिल करना चाहिए।
भोग लगाने के नियम
भोग तैयार करते समय रसोई घर की सात्विकता का ध्यान रखें।
स्नान के बाद ही भोग बनाएं।
भगवान को भोग लगाने के लिए चांदी, पीतल या मिट्टी के पात्र का उपयोग करें।
भोग लगाते समय “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
भोग लगाने के कुछ समय बाद उस प्रसाद को परिवार के सदस्यों और जरूरतमंदों में बांट दें।
खुद फलाहार के रूप में इसे ग्रहण करें।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।