कहा जाता है कि इबादत के लिए लफ्जों की जरूरत नहीं होती। यहां मन के पवित्र भाव परमात्मा तक पहुंचते हैं। दुनिया में कई धर्मों के लोग अपनी भाषा में परमात्मा का स्मरण करते हैं। यहां भाषा मुख्य नहीं है। महत्वपूर्ण हैं मन के भाव और प्रार्थना की सच्चाई। आमतौर पर यह माना जाता है कि चर्च में ईसा मसीह की वंदना अंग्रेजी भाषा में की जाती है। वास्तव में यह सच नहीं है। लोग चर्च में विभिन्न भाषाओं में प्रार्थना करते हैं। ऐसा ही एक प्राचीन चर्च बनारस में स्थित है।
यहां लोग ईसा मसीह से भोजपुरी में प्रार्थना करते हैं। यह चर्च करीब 136 साल पुराना है और इसका नाम है- लाल गिरजाघर। यहां संपूर्ण प्रार्थना भोजपुरी में होती है। भक्ति संगीत भी भोजपुरी में ही है।
बनारस के कैंट इलाके में स्थित इस चर्च की रौनक हर रविवार को अनोखी होती है। यहां आने वाले श्रद्धालु भी भोजपुरी में प्रार्थना से सहज महसूस करते हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि महत्वपूर्ण है- प्रार्थना। इसमें यह महत्वपूर्ण नहीं कि उसके शब्द किस भाषा से हैं, क्योंकि परमेश्वर हर भाषा के शब्द समझ सकते हैं।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।