शरद पूर्णिमा बड़ी ही उत्तम तिथि है शरद पूर्णिमा. इसे कोजागरी व्रत के रूप में भी मनाया जाता है. कहते हैं यह दिन इतना शुभ और सकारात्मक होता है कि छोटे से उपाय से बड़ी-बड़ी विपत्तियां टल जाती हैं.
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था. इसलिए धन प्राप्ति के लिए यह तिथि सबसे उत्तम मानी जाती है. इस दिन प्रेमावतार भगवान श्रीकृष्ण, धन की देवी मां लक्ष्मी और सोलह कलाओं वाले चंद्रमा की उपासना से अलग-अलग वरदान प्राप्त किए जाते हैं.
शरद पूर्णिमा का महत्व-
– शरद पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण तिथि है, इसी तिथि से शरद ऋतु का आरम्भ होता है.
– इस दिन चन्द्रमा संपूर्ण और सोलह कलाओं से युक्त होता है.
– इस दिन चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है जो धन, प्रेम और सेहत तीनों देती है.
– प्रेम और कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण श्री कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था.
– इस दिन विशेष प्रयोग करके बेहतरीन सेहत, अपार प्रेम और खूब सारा धन पाया जा सकता है
– पर प्रयोगों के लिए कुछ सावधानियों और नियमों के पालन की आवश्यकता है.
शरद पूर्णिमा पर यदि आप कोई महाप्रयोग कर रहे हैं तो पहले इस तिथि के नियमों और सावधानियों के बारे में जान लेना जरूरी है.
शरद पूर्णिमा व्रत विधि
– पूर्णिमा के दिन सुबह में इष्ट देव का पूजन करना चाहिए.
– इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर उसकी गन्ध पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए.
– ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए.
– लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रुप से किया जाता है. इस दिन जागरण करने वालों की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है.
– रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए.
शरद पूर्णिमा की सावधानियां
– इस दिन पूर्ण रूप से जल और फल ग्रहण करके उपवास रखने का प्रयास करें.
– उपवास ना भी रखें तो भी इस दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करना चाहिए.
– शरीर के शुद्ध और खाली रहने से आप ज्यादा बेहतर तरीके से अमृत की प्राप्ति कर पाएंगे.
– इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें, चमकदार सफेद रंग के वस्त्र धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा.
शरद पूर्णिमा पर चांद इतना खूबसूरत होता है कि मन करता है एकटक देखते ही रहो. यह चंद्र ना सिर्फ सेहत की दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी विशेष पूजनीय है. इस दिन इन्हें प्रसन्न करने के प्रयास किए जाते हैं. कुंडली में चंद्र की स्थिति मजबूत करनी हो या मन को स्थिर बनाना हो. यह चंद्र मंत्र मन की शांति और शीतलता के साथ अपार धन, धान्य, संपत्ति और ऐश्वर्य देते हैं… इस शरद पूर्णिमा की रात विशेष मंत्रों से मिलेगी चंद्र देव की कृपा…
ॐ चं चंद्रमस्यै नम:
दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
ॐ श्रां श्रीं
कुबेर धन के राजा हैं. पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा का एकमात्र उन्हें ही स्वामी बनाया गया है. कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी हैं. धन के अधिपति होने के कारण इन्हें शरद पूर्णिमा की रात मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करने का विधान बताया गया है. प्रस्तुत है मंत्र …
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये
धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय दापय स्वाहा।।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।