शास्त्रों में फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर होलिका दहन तक की अवधि को होलाष्टक कहा जाता है. होली के आठ दिन पहले से होलाष्टक मनाया जाता है. इस काल का विशेष महत्व होता है. इसी में होली की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. इस दौरान ये उपाय करने से बहुत लाभ होता है.
अपनी उम्र के बराबर बेलपत्र लें, सभी बेलपत्र पर सफेद चंदन से राम-राम लिखें और उन्हें उल्टा करके शिवलिंग पर नमः शिवाय नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए अर्पण करें. ऐसा करने से होलाष्टक के दौरान आपके शारीरिक कष्ट में कमी आएगी.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
