जाने किन देवताओं की वजह से हनुमान हुए इतने शक्तिशाली

भगवान हनुमान को सबसे ज्यादा बलशाली, अजय और अमर माना जाता है। ये कहा जाता है कि वो पृथ्वी पर अलग अलग रूप में अब भी वो मौजूद हैं और जब भी कोई भक्त उन्हें मदद के लिए पुकारता है तब वो चले आते हैं। ऐसे कई भक्त मिल जाएंगे जो मानते हैं कि या तो उन्होंने हनुमान जी को देखा है या फिर उनकी शक्ति का अनुभव किया है।

लेकिन सवाल ये है कि आखिर इतनी शक्ति हनुमान जी के पास आयी कहां से? इस लेख के जरिये इसका जवाब जानने का प्रयास करते हैं। स्वर्ग की अप्सरा को ब्रम्हा ने दिया था श्राप इस सबकी शुरुआत तब हुई जब स्वर्ग की अप्सरा अंजना को ब्रम्हा ने वानर बनने का श्राप दिया था। अंजना के बार बार क्षमा मांगने के बाद ब्रम्ह देव का हृदय पिघला।

लेकिन उनके पास दिए हुए श्राप को वापस लेने का कोई उपाय नहीं था। तब उन्होंने कहा कि वो अपने पहले वाले रूप को तभी हासिल कर पाएगी जब वो एक वानर को जन्म देगी। उन्होंने ये भी बताया था कि वो बच्चा पूरे ब्रम्हांड में लोकप्रिय होगा।नहाते समय कौन सा अंग पहले धोते हैं आप, वो भी बताता है आपकी पर्सनालिटी इंद्र देव ने अपने वज्र से किया प्रहार देवताओं के राजा भगवान इंद्र ने हनुमान को सूर्य की तरफ जाते देखा और वो दृश्य देखते ही सारा मामला समझ गए। हनुमान को रोकने के लिए इंद्र ने अपने वज्र से प्रहार किया। इस हमले से हनुमान घायल हुए और गिर गए।

गुस्साए वायु देव ने कर दी हड़ताल इस सब से हनुमान के पिता वायु देव बहुत क्रोधित हुए। वायु के देवता ने हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया। हवा के बिना सबकुछ अस्त व्यस्त हो गया। ना तो पानी से भरे हुए बादल चल पा रहे थे और ना ही चिलचिलाती गर्मी में लोगों को हवा के ठंडे झोंके मिल रहे थे। वायु के ना रहने से प्रकृति में संतुलन ही बिगड़ गया।

श्रीकृष्ण ने जरासंध के 17वें प्रहार का क्यों किया इंतजार, पहले ही क्यों नहीं किया वध? सभी देवताओं ने हनुमान जी को दिया आशीर्वाद वायु देव के क्रोध को शांत करने के लिए सभी देवताओं ने हनुमान को आशीर्वाद देना शुरू किया। ब्रम्हा देव ने कहा कि कोई भी शस्त्र हनुमान को चोट नहीं पहुंचा सकता है, ये अपना रूप बदल सकता है और जहां चाहे यात्रा कर सकता है।

इंद्र देव ने कहा कि अब से वज्र हनुमान को चोटिल नहीं कर पाएगा और हनुमान का शरीर इस हथियार की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली बन जाएगा। वरुण देव ने हनुमान को पानी और अग्नि देव ने आग से रक्षा करने का वरदान दिया। भगवान यम ने उन्हें स्वस्थ जीवन और अमरता का वरदान दिया तो वहीं भगवान सूर्य ने उन्हें इच्छा अनुसार अपना आकार बदलने का आशीर्वाद दिया। भगवान विश्कर्मा ने उन्हें अपनी खुद की बनाई हर चीज से सुरक्षा का वरदान दिया। इन सभी देवताओं से मिले आशीर्वाद की मदद से ही भगवान हनुमान इतने ज्यादा शक्तिशाली हैं।

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