हिंदू धर्म में चार धाम की यात्रा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है और इसमें से एक है केदारनाथ। हर्ष की बात ये है कि केदारनाथ के कपाट भक्तों के लिए आज खोल दिए गए हैं। भक्तों के दर्शन के लिए केदारनाथ के कपाट आज (9 मई) सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर खोले गए। अब आने वाले छह महीनों तक भोले बाबा की पूजा के लिए ये कपाट खुले रहेंगे। साथ ही अब देश दुनिया से भोले बाबा के भक्तों का जत्था दर्शन के लिए यहां पहुंचेगा।
हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठी घाटी
उत्तराखंड में स्थित इस पावन धाम में ठंड के बावजूद भक्तों की बड़ी संख्या पहुंची। एक तरफ पंडित और पुजारी मंत्रों का उच्चारण कर रहे थे तो भक्त भोले बाबा के दर्शन पाने के लिए उनके जयकारे लगा रहे थे। प्रातः शुभ मुहूर्त पर मंदिर का गर्भ गृह खोल दिया गया। ये समय शिव शंकर के दर्शन के लिए उपयुक्त माना जाता है।
केदारनाथ में है बर्फ
इस इलाके में अभी भी बर्फ है लेकिन भक्तों को इसकी कोई परवाह नहीं है। उनके लिए तो प्रभु के दर्शन के बाद बर्फ से ढकी पहाड़ियों का नजारा देखने का एहसास स्वर्ग की सैर से कम नहीं है।
इस इलाके में अभी तकरीबन पांच से छह फुट बर्फ की चादर मौजूद है और उसे पिघलने में लगभग एक महीने का समय लग सकता है। ऐसा बताया जा रहा है कि बीती सर्दी में 15 से 20 फुट की बर्फ की चादर केदारनाथ में जमी जो पिछले कई दशकों में सबसे ज्यादा है।
लोगों के लिए ये आज भी आश्चर्य की बात है कि 3593 फ़ीट की ऊंचाई पर आखिर ये मंदिर कैसे तैयार हुआ। 2013 में आए जल प्रलय के बावजूद भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं आयी है। भोले बाबा के आशीर्वाद और भक्तों की अकीदत का ही ये नतीजा था कि उस प्रलय में जहां सब कुछ बर्बाद हो गया था, वहीं दूसरी तरफ इस मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।