कहा जाता है राधा और कृष्ण का प्रेम अम्र है और दोनों में जितना प्यार था उतना कही नहीं है. ऐसे में राधा और कृष्ण एक दूसरे से बहुत ही प्रेम करते थे उनके प्रेम की याद में आज वृंदावन में कई मंदिर बने हुए हैं लेकिन आज हम आपको राधा की मृत्यु के बारे में बताएंगे. जी हाँ, राधा की मृत्यु के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. जी हाँ, इसके पीछे एक कथा है जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
कथा – जब श्री कृष्ण कंस के वध के लिए एवं दुनिया की भलाई के लिए मथुरा जाने लगे थे तो वह राधा को नंद गांव में ही छोड़ गए थे. जब वह गांव छोड़कर जा रहे थे तो रास्ते में उनको राधा मिली. भगवान श्री कृष्ण ने राधा को अपनी मजबूरी बताइ तथा मथुरा जाने के बाद और पुनः राधा से मिलने आएंगे ऐसा राधा से वचन करके वह मथुरा चले गए थे. जब भगवान श्री कृष्ण जा रहे थे. तब राधा यमुना के किनारे एक पेड़ के नीचे बैठ गई और दिन रात कृष्ण की याद में आंसू बहाने लगी.
राधा ने इतने आंसू बहाए की यमुना की नदी के आसपास की मिट्टी दलदली हो गई और राधा की इसी दलदल में धँसकर मृत्यु हो गई. जब इस बात का पता श्री कृष्ण को चला तो वह तुरंत राधा से मिलने के लिए आए लेकिन राधा उनको वहां नही मिली थी. जानकारों का कहना है की आज भी निधिवन में श्री कृष्ण राधा से मिलने आते हैं और उसके साथ रास रचाते हैं. आपको हमारी आज की यह खबर कैसी लगी हमे कमेंट में इसके बारे में अवश्य बताए. और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकि दुसरो को भी इसका फायदा मिल सके.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।