भगवान श्रीहरी विष्णु की पत्नी देवी महालक्ष्मी धन, संपत्ति, वैभव तथा सुख की अधिष्ठात्री देवी हैं. इसके साथ ही पौराणिक मतानुसार, देवी लक्ष्मी का जन्म समुद्रमंथन से हुआ था. वहीं समुद्र से उत्त्पन्न समस्त अमूल्य रत्न, जैसे शंख, मोती व कौड़ी की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी ही हैं. कौड़ी एक रत्न है जो की धन के समान ही मूल्यवान हैं. इसके …
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आध्यात्मिक ज्ञान के जरिये से समझिये ब्रह्म और माया के बीच का रहस्य
माया मनुष्य के जीवन का आधार है। संसार में जो दिखता है, वह सब माया है। परन्तु इसी में संसार का अस्तित्व है। इसके अलावा माया ब्रह्म की शक्ति है, जो सत्य को ढक लेती है। माया का अर्थ है- जो अनुभव तो किया जा सके, परन्तु उसका कोई अस्तित्व न हो। आभासी दुनिया इसी का नाम है। इसका अर्थ …
Read More »शनि देव को प्रसन्न करने के लिए करें इस मन्त्र का जाप
भगवान् शनि देव ग्रहों में न्यायकर्ता माने जाते हैं. इसके अलावा हर व्यक्ति के द्वारा किये जाने वाले कार्य और उसके फल के पीछे शनि ही हैं. वहीं व्यक्ति की आजीविका, रोग और संघर्ष शनि के द्वारा ही निर्धारित होते हैं. शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है. इसके साथ ही करियर और धन …
Read More »भगवान् शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए करें यह उपाय, ऐसे करें प्रसन्न
इंसान को दरिद्र या धनवान बनाना शनि देव के ही हाथ में है, क्योंकि वह इंसान के कर्मों के मुताबिक ही फल देते हैं. यदि आप कुछ विशेष कर्मों पर ध्यान दें तो शनि स्वयं आपको धनी बना देंगे. चलिए जानते हैं कि आखिर धन योग से शनि का क्या संबंध है. शनि का धन से सम्बन्ध- शनि जीवन में …
Read More »यदि गायत्री मंत्र का करते है जाप तो मिलेगा यह महावरदान
गायत्री मंत्र को वेदों में बड़ा ही चमत्कारिक और फायदेमंद बताया गया है. इसके साथ ही गायत्री मंत्र के विश्वामित्र ऋषि हैं तथा देवता सविता है. गायत्री मंत्र का नियमित रूप से सात बार जाप करने से व्यक्ति के आसपास नकारात्मक शक्तियां बिल्कुल नहीं आती है. वहीं गायत्री मंत्र का अर्थ (उस प्राणस्वरूप दुखनाशक सुखस्वरूप श्रेष्ठ तेजस्वी पापनाशक देवस्वरूप परमात्मा …
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