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जब नर्तकी ने कराया स्वामी विवेकानंद को आत्मज्ञान

स्वामी विवेकानंद का राजस्थान से गहरा संबंध रहा है। खेतड़ी के राजा अजीत सिंह उनके शिष्य थे। इन गुरु-शिष्य का संपूर्ण जीवन देश के उत्थान और मानवता के कल्याण को समर्पित था। 12 जनवरी 1863 को जन्मे नरेंद्रनाथ दत्त को स्वामी विवेकानंद बनाने में अनेक लोगों का सहयोग रहा। उनकी माता भुवनेश्वरी देवी, गुरु रामकृष्ण परमहंस, गुरुमां शारदा देवी के …

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कुरुक्षेत्र में ही क्यों लड़ा गया महाभारत का युद्ध, ये था कारण?

महाभारत के अनुसार, भरतवंश में राजा कुरु ने जिस भूमि को बार-बार जोता, वह स्थान कुरुक्षेत्र कहलाया। राजा कुरु को देवराज इंद्र ने वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति इस स्थान पर युद्ध करते हुए मरेगा, उसे स्वर्ग की प्राप्ति होगी। यही कारण है कि महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में लड़ा गया। कौन थे राजा कुरु? राजा कुरु महाभारत …

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एक ऐसा मंदिर जिसकी स्थापना खुद श्रीराम ने की थी

मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में गणेशजी का एक सिद्ध स्थान है, जिसका नाम है चिंतामन गणेश मंदिर। मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना भगवान श्रीराम ने की थी। यहां आने वाले भक्तों की सभी चिंताएं गणेशजी दूर करते हैं। इसीलिए इन्हें चिंतामन गणेश कहा जाता है। श्रीराम ने वनवास काल में की थी इस मंदिर की स्थापना पुरानी …

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जब आए ऐसे सपने तो समझ लीजिए होने वाला है बड़ा लाभ

बाल्मीकि रामायण के अनुसार कुछ सपने ऐसे होते हैं जो इंसान के जीवन में शुभ संकेत लाते हैं। इन सपनों के नजर आने पर व्यक्ति के साथ शुभ घटता है। हाथीदांत की बनी हुई दिव्य पालकी अगर आपको सपने में हाथी दांत की बनी हुई दिव्य पालकी दिखे तो समझिए कि आपके अच्छे दिन आने वाले हैं। अगर आप खुद …

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याद रखें कृष्ण का यह गुरुमंत्र, नहीं सताएगा मन को कोई डर

मानव मन अनेक कमजोरियों को सहज ही आत्मसात कर लेता है। महान धनुर्धारी अर्जुन ने रणक्षेत्र में अपने आत्मीय जनों को देखकर अपना धनुष धरती पर रख दिया था। ऐसे में कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए कहा,तस्मादुत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चय:।   इसलिए, अर्जुन तू युद्ध के लिए निश्चय कर खड़ा हो जा। अर्जुन ने तो कृष्ण …

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