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कलियुग का आगमन और परीक्षित का अंत

पांडव अपने पौत्र महापराक्रमी परीक्षित को राज्य देकर महाप्रयाण हेतु उत्तराखंड की ओर चले गये और वहाँ जाकर पुण्यलोक को प्राप्त हुये। राजा परीक्षित धर्म के अनुसार तथा ब्राह्नणों की आज्ञानुसार शासन करने लगे। उत्तर नरेश की पुत्री इरावती के साथ उन्होंने अपना विवाह किया और उस उत्तम पत्नी से उनके चार पुत्र उत्पन्न हुये। आचार्य कृप को गुरु बना कर …

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भगवान चित्रगुप्त एवं कायस्थ वंश

कायस्थों का स्त्रोत श्री चित्रगुप्तजी महाराज को माना जाता है। कहा जाता है कि ब्रह्माजी ने चार वर्णो को बनाया (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र) तब यम जी ने उनसे मानवों का विवरण रखने में सहायता मांगी। फिर ब्रह्माजी ११००० वर्षों के लिये ध्यानसाधना मे लीन हो गये और जब उन्होने आँखे खोली तो देखा कि “आजानुभुज करवाल पुस्तक कर …

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आइये जानते है श्रीमद भगवद्गीता का महत्व

कल्याण की इच्छा वाले मनुष्यों को उचित है कि मोह का त्याग कर अतिशय श्रद्धा-भक्तिपूर्वक अपने बच्चों को अर्थ और भाव के साथ श्रीगीताजी का अध्ययन कराएँ। स्वयं भी इसका पठन और मनन करते हुए भगवान की आज्ञानुसार साधन करने में समर्थ हो जाएँ क्योंकि अतिदुर्लभ मनुष्य शरीर को प्राप्त होकर अपने अमूल्य समय का एक क्षण भी दु:खमूलक क्षणभंगुर …

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3 दिसंबर को उत्पन्ना एकादशी, जानें कैसे करें व्रत की तैयारी, पढ़ें 10 खास बातें…

हिन्दू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। एक साल 24 एकादशियां आती है, लेकिन मलमास या अधिक मास आता है तो कुल मिलाकर इनकी संख्या 26 हो जाती है। वर्ष 2018 में उत्पन्ना एकादशी व्रत 3 दिसंबर, सोमवार को है। मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी के दिन उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा …

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सूर्य की खास विशेषताएं, जो आप नहीं जानते होंगे..

ज्योतिष के अनुसार ग्रह की परिभाषा अलग है। भारतीय ज्योतिष और पौराणिक कथाओं में नौ ग्रह गिने जाते हैं, सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु। यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है सूर्य के बारे में रोचक जानकारी… * सूर्य सभी ग्रहों का मुखिया है। * वैदिक काल से ही भारत में सूर्योपासना का प्रचलन रहा है * सूर्य के बाल …

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