लोमश ऋषि परम तपस्वी तथा विद्वान थे। वे बड़े-बड़े रोमों या रोओं वाले थे इसीकारण इनका नाम लोमश पड़ा। सप्त चिरंजीवियों के बारे में तो हम सबने सुना है लेकिन उसके अतिरिक्त भी कुछ ऐसे लोग है जिनके बारे में मान्यता है कि वे अमर हैं। उनमे से एक लोमश ऋषि भी हैं। अमरता का अर्थ यहाँ चिरंजीवी होना नहीं है …
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ज्ञान का अद्भुत भंडार है श्रीमद्भगवद्गीता, जीवन को बनाती है धन्य, पढ़ें 10 खास बातें
गीता कहती है कि जीवन रोने के लिए नहीं, भाग जाने के लिए नहीं है, हंसने और खेलने के लिए हैं। यह हमेंसंकटों से, हिम्मत से लड़ने की प्रेरणा देती है। गीता मानव मात्र को जीवन में प्रतिक्षण आने वाले छोटे-बड़े संग्रामों के सामने हिम्मत से खड़े रहने की शक्ति देती है। श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञान का अद्भुत भंडार है।हम हर काम में …
Read More »जानें, क्या है सूर्य पहला राजयोग, कैसे मिलेगा फल
सूर्य को ज्योतिष में व्यक्ति की आत्मा माना जाता है. इसका खराब होना सारे जीवन को अस्त-व्यस्त कर देता है. पिता, राज्य, राजकीय सेवा, मान सम्मान, वैभव से इसका सम्बन्ध होता है. शरीर में पाचन तंत्र, आंखें और हड्डियां सूर्य से ही सम्बंधित होती हैं. सूर्य के मजबूत होने पर जीवन में वैभव और समृद्धि मिलती है. कमजोर होने पर …
Read More »शिवरात्रि की धूम के लिए मशहूर हैं ये जगहें…
नीलकंठ महादेव मंदिर, ऋषिकेशमहाशिवरात्रि के पावन अवसर पर नीलकंठ महादेव के दर्शन के लिए लगातार देश के कोने-कोने से शिव भक्त अपने नीलकंठ धाम आते हैं. मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकला विष शिव ने इसी स्थान पर पिया था. विष पीने के बाद उनका गला नीला पड़ गया, इसलिए उन्हें नीलकंठ कहा गया. अमांडा मंदिर, असम ब्रह्मपुत्रा …
Read More »जानें, घर में द्वादश ज्योतिर्लिंगों के चित्र लगाने के नियम
भगवान शिव की साकार रूप में पूजा लिंग स्वरुप में सबसे ज्यादा होती है. जहाँ इस लिंग रूप में भगवान ज्योति के रूप में विद्यमान रहते हैं उसको ज्योतिर्लिंग कहते हैं. कुल मिलाकर भगवान शिव के द्वादश (बारह) ज्योतिर्लिंग हैं- सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, विश्वनाथ, त्रयम्बकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, घुश्मेश्वर. भगवान के अन्य लिंगों की पूजा की तुलना …
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।