जब त्रेतायुग में रामराज्य था, तब भगवान श्रीराम के भाई भरत ने सिंधू तट पर बसे गंधर्वों के साथ कई युद्ध लड़े थे। उत्तरकांड के 100वें सर्ग में इस बात का विस्तार से उल्लेख मिलता है। इन सभी युद्धों में भरत के मामा युधाजित ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। युधाजित ने ही महर्षि गार्ग्य को अयोध्या भेजा था और यह …
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घर में रखें दक्षिणावर्ती शंख, सदा रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा
देवी लक्ष्मी को शंख बहुत प्रिय हैं। चूंकि वे स्वयं समुद्र से प्रकट हुर्इ थीं आैर शंख की उत्पत्ति भी समुद्र से ही हुर्इ है, इसलिए उनके पूजन में शंख का उपयोग किया जाता है। – शंखों के अनेक प्रकार होते हैं लेकिन मुख्यतः इन्हें तीन भागों में बांटा जाता है- वामावर्ती, दक्षिणावर्ती और मध्यावर्ती। – वामावर्ती शंख का …
Read More »तीन पैरों वाले मेढक से ऐसे आएगी समृद्धि
हमने अकसर ही कई घरों में या शॉप्स पर या किसी और वर्कप्लेस पर तीन पैरों वाले मेढक को देखा होगा। फेंग शुई में इस मेढक को एक बहुत ही इंपॉर्टेंट सिंबल माना जाता है, जो हमारे जीवन में समृद्धि लाने में बहुत् इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है। इस मेढक की खासियत ये होती है कि यह कुछ सिक्कों पर …
Read More »सूर्यदेव को चढ़ाएं जल और प्राप्त करें ये फायदे
सूर्यदेव जगत में जीवन के प्राण तत्व के संचालक कहे जाते हैं। उनके प्रकाश से धरती पर जीवों की उत्पत्ति होती है। ऋतुएं बदलती हैं और अंधकार दूर होता है। ज्योतिष शास्त्र में भी सूर्यदेव को बहुत महत्व दिया गया है। उनकी प्रबलता और गुण किसी जातक को यशस्वी और भाग्यशाली बनाते हैं। सनातन संस्कृति में सूर्यदेव को जल चढ़ाने …
Read More »एक ही बाण से भगवान शिव ने नष्ट कर दिए थे तीन नगर
कार्तिक मास की पूर्णिमा है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने तारकाक्ष, कमलाक्ष व विद्युन्माली के त्रिपुरों का नाश किया था। त्रिपुरों का नाश करने के कारण ही भगवान शिव का एक नाम त्रिपुरारी भी प्रसिद्ध है। भगवान शिव ने कैसे किया त्रिपुरों का नाश, ये पूरी कथा इस प्रकार है- …
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