मानवी काया की अयोध्या में नौ द्वार (इंद्रियां) हैं। नवरात्रि के दिनों में अनुष्ठान करते हुए एक-एक रात्रि में एक-एक इंद्री के बारे में विचार करते हुए, उन पर संयम और सामर्थ्य को उभारना है। यही शक्ति की साधना का मर्म है। नवरात्र की साधना-उपासना ऋतुसंधि की वेला में की जाती है। ऋतुसंधि अर्थात जब दो ऋतुएं मिल रही हों। …
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