हिन्दू धर्म में ईश्वर आराधना के प्रकार हैं- संध्यावंदन-संध्योपासना, प्रार्थना-आराधना, ध्यान-साधना, कीर्तन-भजन और पूजा-आरती। सभी का अलग अलग महत्व है। जहां तक सवाल पूजा और आरती का है तो यह किस की करना चाहिए और किसकी नहीं यह समझना जरूरी है। प्राचीनकाल में कई तरह की आलौकिक जातियां होती थीं। जैसे- देव, दैत्य, दानव, राक्षस, यक्ष, गंधर्व, भल्ल, वसु, अप्सराएं, पिशाच, …
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