सनातन संस्कृति में व्रत, त्योहारों और उत्सवों को एक माला की तरह पिरोकर मानव जीवन के लिए प्रस्तुत किया गया है। संस्कारों के इन्हीं सूत्रों से मानव जीवन समृद्ध होता है। इसके तहत त्योहारों का प्रकृति से सामंजस्य स्थापित किया गया है। जिसमें नदी, पहाड़ों, सरोवरों और पेड़-पौधों की उपासना और उनकी पूजा का प्रावधान किया गया है। प्रकृति की …
Read More »