आप सभी को बता दें कि घर, संसार और दुनिया का अस्तित्व सात फेरों में समाया हुआ है लेकिन विवाह संस्कार आदि-अनादि काल से प्रचलन में कभी नहीं थे और एक ऋषि के प्रयासों से वंशवृद्धि की इस परंपरा को विवाह के संस्कारों में पिरोया गया. ऐसे में शास्त्रों के अनुसार, विवाह संस्कार की परंपरा ऋषि श्वेतकेतु ने प्रारंभ की …
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