महर्षि वेदव्यास के कहने पर पांडवों ने द्रौपदी के साथ सारा राज-पाट त्याग कर सशरीर स्वर्ग जाना के निश्चय कर लिया था। इसके साथ ही युधिष्ठिर ने युयुत्सु के कंधों पर पूरे राज्य का देखभाल कर भार सौंप दिया और परीक्षित का राज्याभिषेक कर उसे राजा के गद्दी पर बिठा दिया। इन सबके बाद पांचों पांडव द्रौपदी और एक कुत्ते …
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