आज नवरात्रि का चौथा दिन है और आज ब्रह्मांड को उत्पन्न करने वाली मां कुष्मांडा की पूजा करते हैं. तो आइए आज हम आपको बताते हैं उनकी वह कथा जो शायद ही आप जानते होंगे. मंत्र – सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे. कथा – दुर्गा सप्तशती के कवच में लिखा है कुत्सित: कूष्मा कूष्मा-त्रिविधतापयुत: संसार:, स अण्डेमांसपेश्यामुदररूपायां यस्या: …
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।