भगवान गौतम बुद्ध ने मित्र और अमित्र में अंतर बताते हुए कहा कि अमित्र वह होता है जो पराया धन हर्ता है, बातूनी होता है, खुशामदी और धन के नाश में चूर होता है। मित्र वही होता है जो उपकारी हो, सुख-दुख में हमेशा एक सामान व्यवहार करता हो, हितवादी हो और अनुकम्पा करने वाला हो। इन बिन्दुओं के आधार …
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