इस धरती पर दो ही मार्ग है युद्ध (कृष्ण) या बुद्ध। बुद्ध का विचार भी बगैर युद्ध के स्थापित नहीं हो सकता। युद्ध एक ऐसा धर्म है जिसकी हर काल में जरूरत रही है। जिस कौम ने युद्ध करना छोड़ दिया उसका अस्तित्व भी धीरे-धीरे मिट ही गया है। अहिंसा नहीं युद्ध होता है परमो धरम। युद्ध में ही चेतना …
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