Tag Archives: जानें

आइये जानते है चैत्र नवरात्रि अष्टमी पूजा कब है, जाने

नवरात्रि की अष्टमी को आठम या अठमी भी कहते हैं। नवरात्रि की अष्टमी को महाष्टमी या दुर्गाष्टमी कहते हैं जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। इस दिन माता के आठवें रूप महागौरी की पूजा और आराधना की जाती है। कलावती नाम की यह तिथि जया संज्ञक है। मंगलवार की अष्टमी सिद्धिदा और बुधवार की मृत्युदा होती है। इसकी दिशा …

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नवरात्र के पांचवीं देवी स्कंदमाता की पावन कथा, जाने

सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥ पहाड़ों पर रहकर सांसारिक जीवों में नवचेतना का निर्माण करने वालीं स्कंदमाता। नवरात्रि में पांचवें दिन इस देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं कि इनकी कृपा से मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से अभिहित किया गया है। इनके विग्रह …

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5 जुलाई को है उपच्छाया चंद्रग्रहण, जानें, क्या है इसका धार्मिक पक्ष….

 5 जुलाई को उपच्छाया चंद्रग्रहण है। इसका केंद्र उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका है। जबकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देने वाला है। धार्मिक मान्यता है कि जब ग्रहण के समय सूरज और चांद अपने पूर्व स्वरूप में दिखाई देता है, तो सूतक काल प्रभावी नहीं होता है। अतः इस ग्रहण का प्रभाव लघु और आंशिक रहने वाला है। जबकि …

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जानें, क्या है सूर्य पहला राजयोग, कैसे मिलेगा फल

सूर्य को ज्योतिष में व्यक्ति की आत्मा माना जाता है. इसका खराब होना सारे जीवन को अस्त-व्यस्त कर देता है. पिता, राज्य, राजकीय सेवा, मान सम्मान, वैभव से इसका सम्बन्ध होता है. शरीर में पाचन तंत्र, आंखें और हड्डियां सूर्य से ही सम्बंधित होती हैं. सूर्य के मजबूत होने पर जीवन में वैभव और समृद्धि मिलती है. कमजोर होने पर …

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जानें, घर में द्वादश ज्योतिर्लिंगों के चित्र लगाने के नियम

भगवान शिव की साकार रूप में पूजा लिंग स्वरुप में सबसे ज्यादा होती है. जहाँ इस लिंग रूप में भगवान ज्योति के रूप में विद्यमान रहते हैं उसको ज्योतिर्लिंग कहते हैं. कुल मिलाकर भगवान शिव के द्वादश (बारह) ज्योतिर्लिंग हैं- सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, विश्वनाथ, त्रयम्बकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, घुश्मेश्वर. भगवान के अन्य लिंगों की पूजा की तुलना …

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