नारदजी ने एक बार भोलेनाथ की स्तुति कर पूछा- प्रभु! आपको प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम और सुलभ साधन क्या है? हे त्रिलोकीनाथ! आप तो निर्विकार और निष्काम हैं, आप सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं फिर भी मेरी जानने की इच्छा है कि आपको क्या प्रिय है?शिवजी बोले- नारदजी! वैसे तो मुझे भक्त के भाव सबसे प्रिय हैं, …
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।