त्रैतायुग में हनुमानजी और जाववंतजी को भगवान श्रीराम ने चिरंजीवी रहने का वरदान देते हुए कहा था कि मैं द्वापर युग में तुमसे भेंट करूंगा। प्रभु श्रीराम कृष्ण के अवतार में उनसे मिले भी थे। कहते हैं कि हनुमानजी को एक कल्प तक इस धरती पर रहने का वरदान मिला है। एक कल्प अर्थात कलिकाल का अंत होने के बाद …
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