एक बार एक पिता-पुत्र एक घोडा लेकर जा रहे थे। पुत्र ने पिता से कहा आप घोडे पर बैठें, मैं पैदल चलता हूं। पिता घोडे पर बैठ गए। मार्ग से जाते समय लोग कहने लगे, बाप निर्दयी है। पुत्र को धूप में चला रहा है तथा स्वयं आराम से घोडे पर बैठा है। यह सुनकर पिता ने पुत्र को घोडे …
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।