चाणक्य नीति

जैसे मछली दृष्टी से, कछुआ ध्यान देकर और पंछी स्पर्श करके अपने बच्चो को पालते है, वैसे ही संतजन पुरुषों की संगती मनुष्य का पालन पोषण करती है.

होना चाहते हैं मालामाल तो आज जरूर करें अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का जाप
चाणक्य नीति

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