हिन्दु धर्म के हिसाब से ये है नहाने का सही तरीका, आप भी रखें इन बातों का ध्यान

ज्योतिष शास्त्र, वास्तु शास्त्र, सामुद्रिक शास्त्र, ऐसी ही कुछ विधाएं हैं जिनके प्रयोग से हम जीवन में आ रहे संकटों के रुख मोड़ सकते हैं। तकलीफ होने पर लोग इन शास्त्रीय उपायों का प्रयोग करते हैं, लेकिन पहले भी यदि ये उपाय किए जाएं तो परेशानी का मुख नहीं देखना पड़ेगा। खैर यहां हम आपको  कुछ शास्त्रीय उपायों की चर्चा करने जा रहे हैं। आशा है कि आपको ये उपाय पसंद आएंगे और आप इनका प्रयोग कर अपने जीवन और भी बेहतर बना सकेंगे।

रोजाना नहाने से ना केवल आपका मन शांत रहता है बल्कि शारीर में पनपने वाले तमान कीटाणु और बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है। जहां तक हमारे शास्त्रों में नहाने को लेकर सही विधि को फॉलो करने की बात है तो आपको बता दें की हमारे शास्त्रों के अनुसार नहाने का सबसे सही वक़्त सूर्योदय से पहले का होता है।

नहाने की असली विधि:
# अगर हमारे शास्त्रों में वर्णित नहाने के सही विधि के बारे में बताये तो ये आवश्यक रूप से कहा गया है की हमेशा सूर्योदय से पहले नहाये और इसके बाद अपने इष्ट देव की पूजा अर्चना जरूर करें।
# लोगों को नहाते वक़्त ही कुछ विशेष मन्त्रों का उच्चारण कर लेना चाहिए जिससे की उनके आत्मा की शुद्धि भी हो जाए और वो अपने इष्ट देव को याद भी कर लें।
# इसके अलावा हमारे शास्त्रों में ऐसा भी कहा गया है की जो लोग नहाते समय सबसे पहले अपने मष्तिस्क पर पानी ना डालकर शारीर पर डालते हैं वो नहाने का सही तरीका नहीं जानते हैं।
हमेशा नहाते वक़्त सबसे पहले अपने मष्तिस्क पर पानी डालें और उसके बाद पूरे शारीर। सबसे पहले सर के ऊपर पानी डालने से असल में मष्तिस्क के साथ साथ पूरे शारीर को भी शीतलता मिलती है।
# नहाने के सही विधि का वर्णन जिसे आपको भी अपनी जिंदगी में जरूर आजमाना चहिये क्यूंकि तभी आप अपने मन और तन से पवित्र हो सकते हैं और हर काम में आपका मन लग सकता है।
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