जहां मुंडन से प्रसन्न होते हैं शनिदेव

भगवान श्री शनिदेव जो कि न्याय के देवता होते हैं। जो कि श्रद्धालुओं को अपने कर्मों के अनुसार फल देते हैं। उन्हें देशभर में हर कहीं पूजा जाता है। भगवान शनि देव की वक्र दृष्टि और साढ़े साती के प्रभाव से बचने के लिए श्रद्धालु तरह – तरह के जतन करते चले जाते हैं और जब शनि देव प्रसन्न होते हैं तो श्रद्धालुओं को समृद्ध कर देते हैं।

मामले में यह कहा गया कि देशभर में भगवान शनि देव के मंदिर हैं जहां शनिदेव को तेल, तिल, उड़द और काले वस्त्र दिए जाते हैं। शनि देव का ऐसा ही धाम मध्यप्रदेश के ग्वालियर के समीप मुरैना में प्रतिष्ठापित है। मुरैना के ग्राम ऐती में प्रतिष्ठापित इस मंदिर में भगवान शनि देव की प्रतिमा प्रतिष्ठापित है। यह प्रतिमा बेहद ही जागृत है। यही नहीं यहां पर भगवान शनि देव श्रद्धालुओं को संपन्नता का वरदान देते हैं।

अमूमन काले रंग की शनि देव की प्रतिमा यहां पर पीले, केसरिया रंग की है। मंदिर इतना जागृत है कि यहां दर्शनभर से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। शनिश्चरी अमावस्या पर यहां विशाल मेले का आयोजन होता है। भगवान श्री शनिदेव उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र आदि राज्यों के साथ विदेशों से आए श्रद्धालुओं द्वारा शनिदेव का पूजन अर्चन किया जाताहै।

किवदंती है कि त्रेता युगीन मंदिर में शनि के प्रकोप से पीडि़त श्रद्धालु यहां आकर पूजन करें तो उनके कष्ट दूर हो जाते हैं। ऐसे में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और कई श्रद्धालु तो यहां पर बने मुंडन के विधान को भी अपनाते हुए मुंडन करवाते हैं। यहां भी श्रद्धालु अपने पुराने जूते – चप्पलों का त्याग करते हैं और पुराने वस्त्रों का भी त्याग कर नवीन वस्त्र धारण करते हैं।

भगवान् शनि देव को प्रसन्न करने का तरीका और पूजा विधि
शेगांव में दर्शन मात्र से मिलता है पुण्य लाभ

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