संन्यासी ने दिया था शाप, इस मंदिर में रात को इंसान बन जाते हैं पत्थर!

kiradu-558ce60b8bf33_lराजस्थान को वीरता और शौर्य की धरा कहा जाता है। यह भक्ति और अध्यात्म की भूमि भी है। यहां बहुत प्राचीन मंदिर हैं जो लोगों की आस्था के केंद्र हैं। यहां के बाड़मेर जिले में किराड़ू मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध हैं। ये स्थापत्य कला के बहुत सुंदर नमूने कहे जाते हैं।

साथ ही इन्हें राजस्थान का खजुराहो भी कहा जाता है। हर साल अनेक लोग इन मंदिरों की सुंदरता को निहारने यहां आते हैं लेकिन इनके साथ एक रोचक और रहस्यमय अध्याय भी जुड़ा हुआ है।

कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति रात को यहां रुकता है, वह पत्थर में तब्दील हो जाता है। इसलिए दिन ढलने से पहले ही लोग इस जगह से प्रस्थान कर जाते हैं… और रात के सन्नाटे में ये मंदिर बिल्कुल सुनसान होते हैं।

ये मंदिर अत्यंत प्राचीन हैं। इतिहासकारों के अनुसार ये सैकड़ों वर्षों पूर्व बनाए गए थे। इनका काल लगभग 850-900 वर्ष माना जाता है। कहते हैं कि किसी जमाने में यहां एक संन्यासी आए थे। संन्यासी के साथ उनके शिष्य भी थे।

एक दिन संन्यासी अकेले ही आसपास के इलाकों में भ्रमण के लिए चले गए। उस दौरान उनके शिष्य गांव में ही थे। गुरु के जाने के बाद शिष्यों की तबीयत खराब हो गई। उन्होंने बस्ती के लोगों से बहुत निवेदन किया कि वे उनकी मदद करें लेकिन वहां रहने वाले लोगों ने उन पर कोई दया नहीं की।

सिर्फ एक महिला ने अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी कुछ मदद की। थोड़े दिन बाद संन्यासी पुनः आए तो अपने शिष्यों की खराब हालत देखकर उनकी आंखें भर आईं। उन्होंने गांव के लोगों को शाप दे दिया कि यहां रहने वाले लोगों का दिल पत्थर जैसा है, इसलिए ये सब पत्थर बन जाएंगे। शाप के बाद सब पत्थर बन गए।

संन्यासी ने उस औरत को हिदायत दी कि वह ये गांव छोड़कर चली जाए और पीछे मुड़कर न देखे। अन्यथा वह भी पत्थर बन सकती है। औरत ने संन्यासी का हुक्म मानकर गांव छोड़ दिया लेकिन उसके मन में जिज्ञासा थी कि पीछे मुड़कर देखने से वह पत्थर की मूर्ति बन जाएगी या नहीं!

वह संन्यासी के शाप को परखना चाहती थी। इसलिए उसने पीछे मुड़कर देख लिया। पीछे मुड़ते ही वह पत्थर की मूर्ति बन गई। तब से यह जगह सुनसान हो गई और यहां रात को कोई नहीं रुकता। हालांकि विज्ञान इन मान्यताओं को नकारता है लेकिन इस इलाके में रहने वाले लोग संन्यासी के शाप को सच मानते हैं और रात को यहां नहीं रुकते।

 

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