रावण के भाई ने बसाया था यह शहर

tiruchirappalli_30_12_2015तिरुच्चिराप्पल्लि, तमिननाड़ू का प्रसिद्ध शहर है। इसका पौराणिक नाम तिशिरःपल्लो है, लेकिन तमिल में इसे तिरुच्चिराप्पल्लि कहा जाता है। कहते हैं कि यह शहर रावण के कुल में परिवार में जन्में त्रिशिरा नाम के भाई ने बसाया था।

स्थानीय निवासी इस नगर को त्रिची कहते हैं। यह क्षेत्र श्रीरंगम जंबुकेश्वर और पर्वत स्थित गणेश मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। दक्षिण भारत का यह तीर्थ स्थान दक्षिण रेलवे के तिरुच्चिराप्पल्लि जंक्शन के रूप में भी प्रसिद्ध है।

यहां का गणेश मंदिर विख्यात है। यह मंदिर यहां कावेरी नदी के किनारे एक चट्टान पर है। इस चट्टान को कैलाश पर्वत का एक खंड माना जाता है। गणेश मंदिर के नजदीक ही भगवान मातृभूतेश्वर का मंदिर है। मातृभूतेश्वर मंदिर के पीछे एक पुरानी पौराणिक कथा का उल्लेख मिलता है।

कहते हैं कि प्रचीन काल में एक शिवभक्त वृद्ध महिला यहां रहती थीं। वह प्रसवपीड़ा से व्याकुल अपनी पुत्री की सेवा के लिए कावेरी नदी के उस पार, उसकी ससुराल जा रही थीं। उस समय कावेरी नदी पर कोई पुल नहीं था। वर्षा के कारण बाढ़ आई हुई थी।

नाव नहीं चल रही थीं। ऐसे में वृद्धा उस ओर न जा सकीं। वह वहीं बैठकर भगवान शिव की स्तुति करती रहीं। कावेरी नदी का प्रवाह जब कम हुआ तो नाविक, नाव उस पार ले गया। जब वह वृद्धा पुत्री के घर पहुंची तो वहां एक दिन ही पुत्री ने एक शिशु को जन्म दे चुकी थी।

बाद में पता चला कि वृद्धा का रूप रख, भगवान शंकर ने ही पुत्री की सेवा की। यही कारण है कि भगवान शंकर का एक नाम ‘तामानवर’ या ‘मातृभूतेश्वर’ यानी ‘माता बनने वाले प्रभु’ भी है।

 
 
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