इन महिलाओं के कारण भगवान राम को भोगना पड़ा कष्ट

रामचरितमानसम में भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम के संपूर्ण जीवन का वृतांत मिलता है। जिसमें राम जन्म, देवी सीता संग विवाह, वनवास, रावण वध, राज्याभ‌िषेक, सीता का त्याग, अपने पुत्रों से म‌िलाप, देवी सीता का धरती में समाना आदि घटनाएं बताई गई हैं। संपूर्ण वृत्तांत में भगवान राम के जीवन में आई पांच महिलाओं के कारण उन्हें बार-बार कष्ट भोगने पड़े।  
भगवान राम को कष्ट देने वाली पहली महिला हैं उनकी दूसरी माता कैकेयी। वह राम को अपने पुत्र से भी अधिक प्रेम करती थी लेकिन जब अयोध्या का कार्यभार संभालने की बात आई तो भरत को राजा बनाने के लिए राम जी को वनवास भेज दिया।  
भगवान राम को कष्ट देने वाली दूसरी महिला हैं मंथरा चाहे ये कैकेयी की दासी थी लेकिन उससे मां के समान प्रेम करती थी। अपनी बेटी को राजमाता बनाने के लिए और उसके पुत्र भरत को अयोध्या का राजा बनाने की चाह में मंथरा ने उससे गलत काम करवाया। जिससे राम जी को वनवास हो गया।  
भगवान राम को कष्ट देने वाली तीसरी महिला हैं रावण की बहन शूर्पणखा। उन्होंने श्रीराम और लक्ष्मण को व‌िवाह का प्रस्ताव दिया लेकिन दोनों ने अस्वीकार कर द‌िया। उसने क्रोध में आकर देवी सीता पर आक्रमण किया। लक्ष्मण ने आवेश में आकर उसकी नाक काट दी। शूर्पणखा ने रावण से जाकर उनकी शिकायत की ज‌िससे रावण ने देवी सीता का हरण कर ल‌िया और उन्हें कष्ट भोगना पड़ा।

भगवान राम को कष्ट देने वाली चौथी महिला हैं उनके राज्य में निवास करने वाली एक धोबन। जो अपने मायके से लौट रही थी तो रास्ते में रात हो गई। रात व्यतित करने के लिए वह किसी अन्य व्यक्ति के घर रूक गई। जब अगले दिन वह अपने पति के घर गई तो उसने उन्हें घर से निकाल दिया क्योंकि वह रात किसी अन्य पुरूष के घर रह कर आई थी। जब मामला राम दरबार में पहुंचा तो धोबन ने भगवान राम और देवी सीता का उदाहरण द‌िया। भगवान राम को देवी सीता पर भरोसा होते हुए भी उनका त्याग करना पड़ा। 

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