नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि का पर्व 10 अक्टूबर को घट स्थापना के साथ शुरू हो जाएगा। 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व के दौरान कई शुभ योग बनेंगे। तिथियों के घट-बढ़ होने के बाद भी नवरात्रि पूरे नौ दिनों तक चलेगी। नवरात्रि की शुरुआत चित्रा नक्षत्र में होगी, जबकि समापन श्रवण नक्षत्र में होगा। इसके अलावा नवरात्रि में दो गुरुवार आएंगे। इसे ज्योतिष के जानकार शुभ मानते हैं।
इस बार नवरात्रि के दौरान तिथियों में घट-बढ़ होगी। इसके बावजूद नवरात्रि पूरे नौ दिन मनाई जाएगी। 10 अक्टूबर को प्रतिपदा और द्वितीया तिथि एक साथ पड़ेंगी। इसलिए पहले दिन शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के दो स्वरूपों शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी। 13 और 14 अक्टूबर को पंचमी तिथि दो दिन रहेगी और इस दिन स्कंदमाता का पूजन का विधान है। इसीलिए नवरात्रि का पर्व पूरे नौ दिन का होगा। उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि की शुरुआत चित्रा नक्षत्र में होकर समाप्ति श्रवण नक्षण में होगी।
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पर्व के दौरान राज, अमृत और सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहे हैं और दो गुरुवार होने से नवरात्रि का पर्व लोगों के लिए सुख-समृद्धि दायक रहेगा। बुधवार 10 अक्टूबर को प्रतिपदा तिथि ब्रह्म मुहूर्त से सुबह 7.49 बजे तक रहेगी और इसके बाद द्वितीया तिथि शुरू हो जाएगी। इसीलिए घट स्थापना सुबह 7.49 बजे से पहले करना शुभ रहेगा। हालांकि, दो तिथियां एक-साथ आ रही हैं। इसलिए बाद में घट स्थापना हो सकती है।
लेकिन घट स्थापना का श्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 06.42 से 7.49 बजे से तक रहेगा। इसके बाद अन्य मुहूर्त चर-अचर-लाभ-अमृत आदि मुहूर्तों में श्रद्धालु घटस्थापना कर सकते हैं।
नवरात्रि में लोग सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए व्रत रखकर नौ दिनों तक मां भवानी की पूजा-अर्चना करते हैं। इससे उन्हें धन-धान्य की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों का नौ दिनों तक पूजन किया जाता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।