18 सितंबर 2025 के अनुसार आज द्वादशी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष दूर होता है। द्वादशी तिथि पर कई योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए एस्ट्रोलॉजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का पंचांग।
आज यानी 18 सितंबर को आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस तिथि पर इंदिरा एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इंदिरा एकादशी व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सभी पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
इसी दिन द्वादशी तिथि का श्राद्ध भी किया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। बता दें, इस तिथि पर कई योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग के बारे में।
तिथि: कृष्ण एकादशी
मास पूर्णिमांत: अश्विन
दिन: बुधवार
संवत्: 2082
तिथि: एकादशी रात्रि 11 बजकर 39 बजे तक
योग: पारिघ योग रात्रि 10 बजकर 55 बजे तक
करण: बव प्रातः 11 बजकर 57 बजे तक
करण: बलव रात्रि 11 बजकर 39 बजे तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 06 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 24 मिनट पर
चंद्रमा का उदय: देर रात 02 बजकर 32 मिनट पर
चन्द्रास्त: दोपहर 03 बजकर 53 मिनट पर
सूर्य राशि: सिंह
चंद्र राशि: वृषभ
पक्ष: कृष्ण
शुभ समय अवधि
अभिजीत मुहूर्त: कोई नहीं
अमृत काल: रात 12 बजकर 06 बजे से 01 मिनट 43 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
राहुकाल: दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से 01 बजकर 47 मिनट तक
गुलिकाल: प्रातः 10 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 15 मिनट तक
यमगण्ड: प्रातः 07 बजकर 39 मिनट से 09 बजकर 11 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव पुनर्वसु नक्षत्र में रहेंगे…
पुनर्वसु नक्षत्र: सुबह 06 बजकर 26 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: ज्ञानवान, आशावादी, आत्मविश्वासी, आकर्षक, आध्यात्मिक, धार्मिक, संवाद में कुशल, बुद्धिमान, संतुलित, कल्पनाशील, दयालु और करुणामयी।
नक्षत्र स्वामी: बृहस्पति
राशि स्वामी: बुध और चंद्रमा
देवी: अदिति
प्रतीक: धनुष और तरकश