सच को बयां करती है अमरनाथ गुफा से जुड़ी पौराणिक कथाए

बाबा अमरनाथ तीर्थ स्थल से जुड़ी कई मान्यताएं और पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. कहा जाता है की जैसा कर्म वैसा फल. मतलब की जिस आस्था के साथ भगवान की पूजा की जाती है भगवान भी वैसा ही फल देते है. अमरनाथ के बारे में भी यही कहा जाता है. अमरनाथ भगवान भोलेनाथ की पवित्र नगरी मानी जाती है और जब भी भक्त भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करता है भगवान शिव उसे दर्शन ज़रुर देते है. अमरनाथ धाम के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं. खासकर मुख्य कथा अमर कबूतर की है. इसके बाद मुस्लिम चरवाहे की कथा का उल्लेख मिलता है. हालांकि कई लोग इस कथा से सहमत नही है फिर भी यह पौराणिक कथा प्रसिद्ध है. ये कथा कुछ इस प्रकार है कि, बूटा मलिक नामक एक मुस्‍लिम चरवाहे को एक ऋषि ने कोयले का एक बोरा दिया.

जब मालिक घर पंहुचा तो उसने पाया की बोरा सोने से भरा है . इसे देखकर वह इतना प्रसन्न हुआ की खुशी के मारे ऋषि का धन्यवाद करने के लिए वापस उनके पास पहुंचा. वहां उसे एक चमत्कार दिखाई दिया. उसे एक गुफा देखकर अपनी आंखों पर विश्‍वास नहीं हुआ. तभी से यह गुफा अमरनाथ गुफा धाम के नाम से प्रसिद्ध हो गई. दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती को भगवान शिव ने अमर होने की कथा सुनाई. जब भगवान शिव माता पार्वती कथा सुना रहे थे तो कथा सुनते सुनते ही माता पार्वती सो गई, लेकिन यह कथा एक कबूतर के जोड़े ने सुन ली तब से वो अमर हो गए. मान्यता है जो भी भक्त अमरनाथ यात्रा के लिए इस गुफा में आता है उसे इन कबूतरों के दर्शन होना किसी दैवीय कृपा से कम नहीं.

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