आखिर क्यों नहीं खरीदते शनिवार को जूते-चप्पल, क्या राज है शनिदेव और जूते-चप्पल का…

जूते-चप्पल से जुड़ा है शनि के शुभ-अशुभ होने का संकेतहम अपने दैनिक जीवन में होने वाली छोटी-मोटी संकेतों से जान सकते हैं कि शनि देव हमारे ऊपर प्रसन्न है या नहीं। शनि का संबंध खास पैरों से होता है।

कई बार मंदिर में भगवान के दर्शन करने के बाद आपके जूते या चप्पल चोरी या गुम हो जाती है। यह घटना आपके लिए शनि के शुभ संकेत की तरफ इशारा करती हैं यानि शनि आपका पीछा छोड़ने वाले हैं। जो व्यक्ति घर के अंदर जूते-चप्पल पहनकर आता है इसके साथ घर में राहु और केतु जैसे पापी ग्रह भी घर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। घर के मुख्य द्वार पर जूते-चप्पल नहीं रखना चाहिए इससे नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है शनि की अशुभ छाया से बचने के लिए शनिवार के दिन काले रंग की चमड़े की चप्पल या जूते को मंदिर के बाहर उतार का बिना पलटे वापस आने से शनि दोष से छुटकारा मिलता है। फटे और पुराने जूते पहनने से शनि की अशुभ छाया और घर पर दरिद्रता आती है। शनिवार को जूते-चप्पल खरीदना इसीलिए मना कहा जाता है कि शनि का संबंध पैरों से माना गया है। उस दिन जूते-चप्पल खरीदने से शनि संबंधी पीड़ा भी घर में आ सकती है इसी आशंका के चलते शनिवार को इन्हें नहीं खरीदा जाता है।

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