वसंत पंचमी : आइए डालें एक नजर

हिन्दू मान्यता के अनुसार वसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन बिना मुहूर्त जाने शुभ और मांगलिक कार्य किए जाते हैं।- वसंत पंचमी के दिन को मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं।- यह दिन वसंत ऋतु के आरंभ का दिन होता है।

– देवी सरस्वती और ग्रंथों का पूजन किया जाता है।

– नव बालक-बालिका इस दिन से विद्या का आरंभ करते हैं।

– संगीतकार अपने वाद्ययंत्रों का पूजन करते हैं।

– स्कूलों और गुरुकुलों में सरस्वती और वेद पूजन किया जाता है।

* इस दिन बच्चों को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है।

* पितृ तर्पण किया जाता है।* कामदेव की पूजा की जाती है

* विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।

* पहनावा भी परंपरागत होता है। पुरुष कुर्ता-पाजामा में और स्त्रियां पीले या वासंती रंग की साड़ी पहनती हैं।

* गायन और वादन सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं जो सरस्वती मां को अर्पित किए जाते हैं। 

वसंत पंचमी के बस यह 4 सरलतम मंत्र ही देंगे आपको विद्या का वरदान, पढ़ना न भूलें
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