शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को मध्याह्न काल में पुष्य नक्षत्र में माता सीता का प्राकट्य हुआ था. इसी कारण यह तिथि सीता नवमी कहलाती है. हिंदू समाज में जिस प्रकार श्री राम नवमी का महत्व है, उसी प्रकार सीता नवमी का भी है. सीता नवमी के दिन माता सीता की पूजा अर्चना करके मुश्किलों को आसानी से दूर करने के साथ-साथ अपनी माता के रोगों और पारिवारिक कलह क्लेश को दूर किया जा सकता है. इस बार सीता नवमी 13 मई 2019 सोमवार के दिन मनाई जाएगी.
Check Also
वट सावित्री पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और धर्मराज जी की आरती से पाएं आशीर्वाद
वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत बहुत फलदायी माना जाता है। इस मौके पर विवाहित महिलाएं …