आप सभी को बता दें कि हर महीने माह शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है जो सभी के लिए लाभदायक होता है. कहते हैं मंगलवार और शनिवार को आने वाले प्रदोष तिथि का विशेष महत्व बताया जाता है और मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि का योग बनता है तभी भौम प्रदोष व्रत रखा जाता है. कहते हैं मंगल ग्रह का ही एक अन्य नाम भौम माना गया है और यह व्रत हर तरह के कर्ज से छुटकारा दिलाने वाला है. ऐसे में भौम प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा करना लाभदायक माना जाता है और कहते हैं भगवान शिव सभी दुखों का अंत करते हैं और उनकी सभी के जीवन पर कृपा बरसती है.
ऐसे में इस व्रत से मंगल ग्रह के कारण मिलने वाले अशुभ प्रभाव में कमी आती है और इस व्रत के प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं. ऐसे में कहा जाता है कि यह व्रत जीवन में समृद्धि लाता है और इस व्रत को महिला एवं पुरुष दोनों के लिए समान रूप से फलदायी माना जाता है. ज्योतिषों के अनुसार इस व्रत को करने वालों को दिन के समय सोना नहीं चाहिए. वहीं इस व्रत में भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की पूजा करना लाभदायक माना जाता है. इस दिन मन ही मन ऊं नम: शिवाय का जाप करना फलदायक होता है.
वहीं प्रदोष व्रत में पूजा शाम के समय की जाती है और कुश के आसन पर बैठ भगवान शिव की पूजा करें. इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें और प्रदोष व्रत में आहार ग्रहण नहीं किया जाता है वहीं रात्रि में कीर्तन करते हुए जागरण करें तो ही आपको फल.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।