गंगा हमेशा से ही प्रथमपूज्य देवी के रूप में सम्मान पाती रही हैं. उनके धरती पर आने का कारण चाहे जो भी रहा हो – कोई श्राप या किसी दुखी इंसान की याचना. उनका रूप सदा ही दैवीय रहा है .चार भुजाएँ, तीन आँखें , आभूषणों से सुशोभित, मुकुट शोभा बढ़ाता अर्धचन्द्र, एक हाथ में कमल का फूल और दूसरे …
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