दीवाली आते ही देश के कई जगह पर उल्लूओं की मांग एकाएक बढ़ जाती है। दीवाली के दिन तांत्रिक तंत्र-मंत्र के काम में लेने के लिए उल्लूओं की मांग बढ़ जाती है। हालांकि भारत के वन अधिनियम के तहत उल्लूओं का शिकार करना दंडनीय अपराध माना जाता है। बावजूद इसके कई जगह गैर-कानूनी तरीके से उल्लूओं की खरीद-फरोख्त की जाती है।
अगर आप धार्मिक दृष्टि से गौर करें तो दीवाली धन की देवी लक्ष्मी का त्योहार होता है और उल्लू को उनकी सवारी माना गया है। इसलिए दीवाली की रात में उल्लूओं के दर्शन को शुभ माना जाता है। दीवाली पर जानते है उल्लू से जुड़े कई फैक्ट।
उल्लू के दर्शन को माना गया है शुभ
गलती से भी सोते समय अपने सिरहाने ना रखे यह चींज़े, वरना हो जायेंगे दरिद्र और कंगाल
उल्लू को मां लक्ष्मी का वाहन माना जाता है लेकिन बहुत कम लोगों को उल्लू देखना नसीब होता है। इसका कारण यह भी है कि उल्लू केवल रात को ही दिखाई देता है। शास्त्रों के अनुसार उल्लू एक अशुभ जीव भी माना गया है। लेकिन यही उल्लू अगर आपको दिवाली के दिन दिख जाए तो समझ लीजिए मां लक्ष्मी स्वयं उल्लू पर बैठ कर आपके घर आई हैं।
विपति आने का डर
यदि कोई उल्लू किसी के घर पर बैठना प्रारंभ कर दे, तो वह घर शीघ्र ही उजड़ सकता है और उस घर के मालिक पर कोई विपत्ति आने की संभावना बढ़ जाती है।
माना जाता है मुत्यू सूचक
दक्षिण अफ्रीका में उल्लू की आवाज को मृत्युसूचक कहा जाता है। चीन में उल्लू दिखाई देने पर पड़ोसी की मृत्यु का सूचक मानते हैं।
हो सकती है चोरी
अगर किसी घर के दरवाजे पर उल्लू तीन दिन तक लगातार रोता है, तो उसके घर में चोरी अथवा डकैती होने की संभावना अधिक रहती है। अथवा उसे किसी न किसी रूप में धन की हानि अवश्य होती है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
