साई बाबा के दरबार में भर जाती है झोली

शिरडी वाले साई बाबा की महिमा अपरम्पार है साई बाबा भले ही देह रूप मे इस पृथ्वी पर नहीं है, पर भक्तों की पुकार अवश्य सुनते हे भक्तों को यह एहसास होता है की बाबा मेरे साथ हे और मेरे हर कार्य को पूर्ण कर रहे हे।

साई बाबा का कहना था की –

जात पात पूछें नहीं कोई।

प्रभु को भजे सो प्रभु का होई।।

इसका मतलब सबका मालिक एक है बस मानने का तरीका अलग अलग हे कोई राम रूप कोई रहीम को मानता हे भाव तो एक ही हे और मालिक उनकी जरूर सुनता है, शिरडी के निवासी पहले बाबा को पागल समझते थे वे जानते थे की यह बाबा पागल हे कुछ भी करता रहता है लेकिन बाद मे उन्हे बाबा की शक्तियों व गुणों के बारे मे पता चला तो लोगों की संख्या दर्शन के लिये एकत्रित होने लगी।

बाबा बहुत ही सरल स्वभाव के थे वे हर जीव से प्रीत रखते थे कुत्ते, बिल्ली ,चिड़िया आदि पालना उनका बड़ा शोक था बहुत ही कोमल ह्रदय वाले ये बाबा सबकी सुनते थे और मालिक से सबके कल्याण की प्रार्थना करते थे उनका कहना था ही सबका मालिक एक ही है, शिरडी वाले साई बाबा का यह पवित्र स्थान शिरडी बहुत ही महान हे यहाँ के दर्शन मात्र से भक्तों की झोली भर जाती हे बाबा भक्तों की हर कामना को जरूर पूरा करते उनके जीवन मे सुख शांति व उनके बिगड़े कार्य को बना देते है बाबा की महिमा अपरमपार है बाबा हर किसी की पुकार सुनते हे।

चाहे व्यक्ति अमीर हो गरीब हो फकीर हो बाबा के दरबार मे हर किसी की बिगड़ी बनती है, बाबा का व्रत रखने से लोगो के हर कार्य सिद्ध होते हे उनके जीवन मे सुख समृद्धि आती है बाबा का यह व्रत गुरुवार के दिन किया जाता है, यह व्रत बहुत ही सरल व सहज होता है व्रत को रखने से भक्तों की मनो कामना जरूर पूर्ण होती है।

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