किसी भी रात्रि में सबसे ज्यादा अँधेरा होती है. इसे दिवाली की रात महानिशा की रात्रि भी कहते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस रात्रि को महालक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं जो कोई भी इस रात्रि को लक्ष्मी जी का पूजन करता है उसकी प्रार्थना अवश्य स्वीकृत होती है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा से पूरे वर्ष धन और समृद्धि मिलती है. दीपावली के दिन किसी भी प्रकार की दरिद्रता दूर की जा सकती है.बाकी दिनों में भी यह मन्त्र हमे अँधेरे से बाहर निकलने में सफल होते है 
कैसे करें दीपावली की पूजा?
1. पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी रखें. चौकी पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं.
2. पहले गणेश जी की मूर्ति रखें, फिर उनके दाहिने और लक्ष्मी जी को रखें.
3. आसान पर बैठें और अपने चारों और जल छिड़क लें.
4. इसके बाद संकल्प लेकर पूजा आरम्भ करें. एक मुखी घी का दीपक जलाएं.
5. फिर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल और मिठाइयां अर्पित करें.
6. इसके बाद पहले भगवान गणेश फिर मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप करें. अंत में आरती करें और शंख ध्वनि करें.
7. घर में दीपक जलाने के पूर्व पहले थाल में पांच दीपक रखकर उन्हें फूल आदि अर्पित करके पूजा कर लें.
8. तब जाकर घर के अलग अलग हिस्सों में दीपक रखना शुरू करें.
9. घर के दीपक के अलावा कुएं के पास और मंदिर में भी दीपक जलाएं.
10. दीपावली का पूजन लाल, पीले और चमकदार रंग के वस्त्र धारण करके करें. काले, भूरे और नीले रंग से परहेज करें.
दीपावली पर पाएं वरदान-
– गणेश जी को हल्दी अर्पित करें. इससे विद्या का वरदान मिलेगा.
– लक्ष्मी जी को सफेद मिठाई अर्पित करें. धन लाभ होगा.
– हनुमान जी को तुलसीदल अर्पित करें. दरिद्रता दूर होगी.
– तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाकर आरती करें. वैवाहिक जीवन की बाधाएं दूर होंगी.
– दीपावली की शाम को मंदिर में दीपक जलाएं. रुके हुए काम पूरे होंगे.
– दीपावली के दिन किसी निर्धन को मिठाई दें. कर्ज से राहत मिलेगी.
– दीपावली की रात्रि को हनुमान चालीसा का पाठ करें. मुकदमों और विवादों का निपटारा होगा.
– दीपावली के अवसर पर भगवान राम की पूजा करें. कपूर से आरती भी करें, इससे बीमारियों से मुक्ति मिलेगी.
– दीपावली पर घर में सुगन्धित प्रकाश की व्यवस्था करें. इससे संतान सम्बन्धी चिंताएं दूर होंगी.
– दीपावली पर किसी सौभाग्यवती स्त्री को वस्त्र और आभूषण उपहार में दें. इससे आपका विवाह शीघ्र होगा.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।