वैसे तो भारत में बड़े पैमाने पर भगवान के देवालय मिल जाऐंगे। देशभर में देवी मंदिर भी बहुत मिल जाऐंगे लेकिन कुछ ही मंदिर ऐसे हैं जो बेहद प्रमुख माने जाते हैं। ऐसे ही मंदिरों में से एक है मैहर का मंदिर। मैहर मां शारदा के जागृत स्थलों में से एक माना जाता है। यह मंदिर शक्तिपीठ में शामिल है। इस मंदिर में देवी- देवता के दर्शन करने और मन्नत मांगने का चलन भी बहुत है। यहां पर भगवान ब्रह्मा के पुत्र का जन्म माना जाता है। दरअसल यहां पर शक्ति ने आराधना की थी। यह मंदिर प्रतिष्ठापित है सतना जिले में 1063 सीढि़यां लांघकर माता के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।
सतना जिले की मैहर तहसील के समीप त्रिकूट पर्वत पर यह स्थल है। मैहर देवी मां का मंदिर इतना लोकप्रिय है कि यहां विविध कामना को लेकर श्रद्धालु पहुंचते हैं। देवी का मंदिर जिस पर्वत पर प्रतिष्ठापित है उसे त्रिकूट पर्वत कहा जाता है। दरअसल यह इतना सुंदर क्षेत्र है की इसे मैहर कहा जाता है। मैहर का अर्थ होता है मां का हार। मंदिर में माता शारदा के अलावा श्रीकाल भैरवी, भगवान श्री हनुमान जी, देवी काली, दुर्गा, श्री गौरी – शंकर, शेष नाग, फूलमतिमाता, ब्रह्देव और जलपा देवी का पूजन किया जाता है।
दरअसल यहां अल्हा और उदल ने तपस्या की थी और मां से अमरता का वरदान लिया था। मंदिर के पीछे एक तालाब है। कहा जाता है कि इसके दर्शन से पुण्य मिलता है। इसे आल्हा तालाब कहा जाता है। यहां श्रद्धा से सिर झुकाने वाले की सारी मनोकामनाऐं पूर्ण होती हैं। माता के मंदिर में शुक्रवार को बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।