हमारा भारत त्यौहारों का देश है. यहां एक त्यौहार ख़त्म होता नहीं कि दूसरा त्यौहार हमारे लिए खुशियां लेकर तैयार रहता है. भारतीय संस्कृति के कई बड़े त्यौहार हैं, उन्हीं में से एक त्यौहार है दशहरा. दशहरा का त्यौहार हिन्दू धर्म का ख़ास त्यौहार है. दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है. भारत समेत दुनिया के कोने-कोने में इस त्यौहार की धूम रहती है.
दशहरा क्यों मनाया जाता है ?
किसी भी त्यौहार को मनाने से पहले उस त्यौहार के बारे में अच्छे से जानना जरूरी है और यह सवाल बेहद महत्वपूर्ण है कि फलाना त्यौहार क्यों मनाया जाता है. ऐसे ही दशहरा के बारे में भी जानना जरूरी है. भारत में इस त्यौहार का इतिहास काफी पुराना है. जब भगवान राम ने त्रेतायुग में रावण का वध किया था, उस समय दशमी तिथि थी. इसके बाद से इस दिन को दशहरा या विजयादशमी के रूप में मनाया जाने लगा.
भगवान राम ने क्यों किया रावण का वध…
भगवान राम वनवास के दौरान एक बार माता सीता की जिद पर सोने के हिरण के पीछे उसे लेने के लिए चले गए थे, वहीं श्री राम कई देर तक नहीं लौटे तो फिर माता ने लक्ष्मण को श्री राम को देखने के लिए भेजा. लक्ष्मण ने इस दौरान कुटिया के बाहर लक्ष्मण रेखा बना दी और माता सीता से इसके बाहर न आने के लिए कहा. हालांकि मौका पाते ही रावण साधु के भेष में माता सीता के पास आया और उनसे भिक्षा मांगने लगा. माता सीता को छल से रावण ने लक्ष्मण रेखा के बाहर बुलाया और फिर माता का हरण कर वह माता को लंका ले आया. श्री राम और लक्ष्मण इसके बाद हनुमान, सुग्रीव और वानर सेना की मदद से लंका जा पहुंचे. माता सीता का अपहरण करने के कारण रावण को अपनी जान से हाथ गंवाने पड़े. भगवान राम ने रावण को युद्ध में पराजित कर सीता को सकुशल अयोध्या ले आए. वहीं आपको बता दें कि अयोध्या आने के आगमन पर पूरी अयोध्या में दीप जलाए गए थे और इस दिन को बाद में दीवाली के रूप में मनाया जाने लगा.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।