22 अक्टूबर को नवरात्री का पांचवा दिन है, पांचवा दिन स्कंदमाता का होता है. ये माँ मोक्ष का द्वार खोलने वाली है और भक्तो के लिए बहुत सुखदायिनी है ये भक्तो की सभी इच्छाओ को पूरा करने वाली है श्रुति और स्मृति से युक्त माता भगवती का नाम स्कंद है कल्याणकारी शक्ति की अधिष्ठात्री देवी को 5वी दुर्गा स्कंदमाता के रूप में पूजा जाता है.
इनकी पूजा अर्चना का विशेष विधान है ये माता सिंह की सवारी पर विराजमान है इनके चार हाथ है और ये अपने दोनों हाथो में कमलदल लिए हुए है एक हाथ में अपने गोद ब्रम्हस्वरूप सनत्कुमार को थामे हुए है यह दुर्गा सभी ज्ञान विज्ञानं धर्म कर्म और कृषि उद्योग सहित पंच आवरणों ,इ समाहित विद्यावाहिनी दुर्गा भी कहलाती है.
स्कंदमाता की पूजन हेतु मन्त्र :-
या देवी सर्वभूतेषु मात्र रूपेण संस्तितः
नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः
माँ के चौथे रूप की पूजन हेतु मन्त्र
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।