यदि करना है देवी माँ को प्रसन्न तो आज ही करें ये काम

जिस तरह हर व्यक्ति की पसंद अलग-अलग होती है उसी प्रकार हर देवी देवताओं की पसंद भी भिन्न होती है। इसके साथ ही यही कारण है कि कई बार किसी देवी- देवता को जो चीजें अर्पित की जाती हैं वही चीजें दूसरे देवी-देवताओं को नहीं चढ़ती है । वहीं इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि भगवान विष्णु को शंख पसंद है तो शिव जी को शंख से जल नहीं चढ़ता है। इसके साथ ही अक्षत शिव जी को चढ़ता परन्तु विष्णु भगवान का प्रिय तिल है। वहीं इसी प्रकार देवियों की पंसद भी अलग-अलग है। इसके साथ ही 25 मार्च, बुधवार से मां के पावन नवरात्रि प्रारंभ हो रही है, तो उससे पहले आपका यह जानना अतिआवश्यक है कि कौनसा फूल किस देवी को चढ़ाया जाता है।

मां दुर्गा: दुर्गा मां को लाल फूल पसंद है। इन्हें खुश करने के लिए लाल गुलाब या लाल गुरहुल के फूल की माला पहनाएं। आर्थिक परेशानियां दूर होगी।

माता गौरी एवं शैलपुत्री: माता गौरी एवं शैलपुत्री को सफेद एवं लाल पुष्प पसंद है। सुहागन स्त्रियों को लाल फूल से मां की पूजा करनी चाहिए। इससे सुहाग की उम्र बढ़ती है। कुंवारी कन्याओं को भी लाल रंग के फूल से ही मां की पूजा करनी चाहिए।

माता लक्ष्मी: माता लक्ष्मी सौभाग्य एवं सम्पदा की प्रतिमूर्ति हैं। इन्हें लाल फूल पसंद है। लक्ष्मी माता की कृपा पाने के लिए इन्हें कमल का फूल अथवा गुलाब का फूल अर्पित करें। भगवान विष्णु की अर्धांगिनी होने के कारण लक्ष्मी माता पीले रंग के फूल से भी खुश होती हैं। जल में उत्पन्न होने के कारण कमल कमल फूल माता को सबसे अधिक प्रिय है क्योंकि लक्ष्मी स्वयं जल (सागर) से प्रकट हुई हैं।

मां सरस्वती और माता ब्रह्मचारिणी: मां सरस्वती शांत एवं सौम्य मूर्ति हैं। इन्हें प्रसन्न करने के लिए सफेद अथवा पीले रंग का फूल चढ़ाएं। सफेद गुलाब, सफेद कनेर, चम्पा एवं गेंदे के फूल से मां खुश होती हैं। इससे ज्ञान एवं बौद्घिक क्षमता बढ़ती है। माता ब्रह्मचारिणी को भी यह फूल पसंद है।

माता काली एवं कालरात्रि: माता काली एवं कालरात्रि को गुरहल का फूल बहुत पसंद है। इन्हें 108 लाल गुरहुल का फूल अर्पित करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

माँ भवानी के इन अध्याय से मिलेगी सफलता
नवरात्रों पर इन 3 कार्यों में से कर लें कोई एक काम

Check Also

 कब मनाई जाएगी गंगा सप्तमी?

सनातन धर्म में गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2024) सबसे शुभ दिनों में से एक माना …