नवरात्रि का पर्व इन दिनों बहुत धूम धाम से मनाया जा रहा है। ऐसे में आज यानी 19 अक्टूबर को नवरात्र का तीसरा दिन है। यह दिन भय से मुक्ति और अपार साहस प्राप्त करवाने वाला होता है। कहा जाता है इस दिन मां के चंद्रघंटा स्वरूप की उपासना करते है।
आप सभी को बता दें कि माँ के सर पर घंटे के आकार का चन्द्रमा है, इस वजह से माँ को चंद्रघंटा के नाम से पुकारा जाता है। कहा जाता है माँ चंद्रघंटा के दसों हाथों में अस्त्र शस्त्र हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की मुद्रा है। इसी के साथ ऐसा भी कहते हैं कि मां चंद्रघंटा तंत्र साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती हैं। वहीँ ज्योतिष में इनका सम्बन्ध मंगल नाम के ग्रह के साथ होता है। आइए आज हम आपको बताते हैं मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करनी है।
माँ चंद्रघंटा का पूजन कैसे करें- इसके लिए सबसे पहले लाल वस्त्र धारण करें। अब इसके बाद मां को लाल पुष्प,रक्त चन्दन और लाल चुनरी समर्पित करें। ध्यान रहे इनकी पूजा से मणिपुर चक्र मजबूत होता है इस वजह से इस दिन संभलकर और ध्यान से पूजन करें। इस दिन पूजन करने से भय का नाश होता है। कहते हैं अगर इस दिन की पूजा से कुछ अद्भुत सिद्धियों जैसी अनुभूति होती है तो उस पर ध्यान न देकर आगे साधना करते रहनी चाहिए। माँ चंद्रघंटा सभी भय का नाश करने वाली देवी हैं। अगर आपको किसी चीज का भय है तो आप आज के दिन माँ से उसकी मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।